Saturday, July 3, 2010

जिलो के नामकरण की राजनीति

कल के अखबार में खबर पढ़ी की उत्तर प्रदेश में कुछ जिलो का माननीय मुख्यमंत्री साहिबा ने नामकरण किया है , तो फिर से ५-६ वर्ष पूर्व की यादे ताजा हो गयी जब कुछ इसी तरह की घटनाओ का दौर सा आ गया था , किसी ने नाम रखा तो किसी ने आकर उसे बदल दिया | ये सभी वाकये ये ही सोचने पर मजबूर कर देते है की क्या क्षेत्रीय दलों ने भी अपनी सार्थकता ,प्रासंगिकता खो दी है | कभी क्षेत्रीय दलों की नींव ही इसी बुनियाद पर हुई थी की राष्ट्रीय दल की सोच उस क्षेत्र के हिसाब से नहीं होती है और वो उस क्षेत्र के विकास लिए उस ढंग से नहीं सोच पाती है जैसा की उन्हें सोचना चहिये ,परन्तु अब तो यही लगता है की जिस सोच जिस विचारधारा के साथ क्षेत्रीय दल का जन्म हुआ था वो समाप्त हो चुकी है | वैसे हमे ये नहीं भूलना चहिये की नामकरण संस्कृति की जनक अपने देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी है इसी ने आगे चल के सबको राह दिखाई ,तभी तो इस मुद्दे पर वो चुप्पी साधे बैठे है पता है की अगर वो किसी पर ऊँगली उठाएगी तो उसके भी पुराने कच्चे चिट्ठे खुल जायेंगे | पूरी दिल्ली का कांग्रेसीकरण कर दिया गया है ,स्वतंत्रता सेनानियों से ज्यादा नेहरु(अब गाँधी) परिवार को तरजीह दी गयी हर जगह जिधर भी देखिये गाँधी परिवार के नाम पर कुछ न कुछ मिल जायेगा | क्या होगा इस देश का लगता है की हमारे नेताओ के पास विकास नाम का कोई शब्द शेष नहीं बचा है , या तो वो ये सोच कर विकास नहीं करते है की अगर विकास हो गया तो वो चुनाव किस मुद्दे पर लड़ेगे | जिसे देखो बस नाम के लिए मरा जा रहा है जीवित रहते ही सब इतिहास का हिस्सा बन जाना चाह रहे है , सब इसी होड़ में लगे है की किसका नाम मीडिया में ज्यादा आता है | अब तो चर्चा में रहने की ऐसी होड़ लगी है की सरकार के मंत्री आपस में ही बयानबाजी में उलझ जाते है एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते है | मायावती तो जान बुझ कर ऐसे मुद्दे उठाती ही है की लोगो का ध्यान मुख्य समस्याओ से हट जाये और सब लोग इसी में उलझे रहे है (वैसे इस बात में भी वो अपने केंद्र सरकार का अनुसरण कर रही है वो भी ज्यादातर यही करती है),और वो आराम से दलितों के नाम पर अपनी राजनितिक रोटी सेंकती रहे | अगर वाकई हम सभी इस देश का भला चाहते है तो हमे अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ करना होगा और देश के सभी ऐसे व्यक्तियों को अप्रासंगिक करना होगा जोकि इस देश के विकास में बाधक है चाहे हो वो किसी भी धर्म का हो किसी भी जाति का हो |

इस देश के लिए इस समाज के लिए हम सभी को आगे आना ही होगा |

जय हिंद जय भारत

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